पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/१७६

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घुढ़िया इजरंगल ६७६ मुझे बोलने के लिए मना कर बुढ़िया इज़रगिल स्वयं चुप हो गई और विचारों में डूब गई । कुछ देर बाद पुन : योलो : , "मैं एक मगयार को भी जानती थी । एक दिन जब वह मेरे घर से गया तो जादी के दिन थे - फिर वह बसन्त ऋतु में जाकर मिला जय बरफ गब चुकी थी । वह एक खेत में पडा हुमा था -किसी ने उसके सिर में गोली मार दी थी । सुम्हारा इसके विषय में क्या स्पाल है । तुम जानते हो , प्रेम, प्लेग से भी अधिक , श्रादमियों की हत्या करता है । मुझे विश्वास है कि यदि तुम इस बात का पता चलायो तो मेरी बात सत्व प्रमाणित होगी । .. .. मैं किस विषय में बातें कर रही थी ? पोलेन्ड के विषय में • .. . माँ , चाद श्राया , मैंने अपना अन्तिम सेल वहीं रोता था । वहीं मेरी मुला कात एक बड़े अमीर से हुई । वह बहुन सुन्दर था - शैतान की तरह सुन्दर पौर श्रापंक । मैं अधेद हो चुकी थी , लगभग चालीस साल की हो , मुझे विश्वास है उस समय में चालीस वर्ष की ही थी उसे अपने सौन्दर्य का थप भी घमण्ड था शोर औरतों ने उसे और भी बिगान रखा था । उसे पाने में मुझे बदे सक्ट उठाने पदेहौं। या मुगे एक साधारण स्त्री की तरह अप नाना चाहता था परन्तु मैं इसके लिए कभी तैयार न होती । नै तभी गिरी की गुलाम नहीं बनी । मैंने यह बात उस यहुदी से भी तय की थी । मैंने उसे कमा कर बहुत पैसे दिए थे और अब में फेको शहर में रह रही थी । उस समय मेरे पास सब कुछ था -~ घोदे, रोना और नौकर । गत शैतान की तरह घमरती दन पर मेरे पास धाता प्रौर चाहता कि मैं भागार मो मोरे मे लग गऊँ । म सापम में झगदते । मुझे याद है हली के कारण मैं पने चेहरे की बहुत उद योमलता मो चुकी थी । ऐना बहुत दिनों तक चता रहा परन्तु मरा में मेरी बिजय हुई . यह मेरे मम्मुर गुरु गया । परन्नु मुझ प्राप्त करने के रूप ही समय परान्त उसने मुझे त्याग दिया । दमने वास्तव में अनुमय दिया कि मेरा यौरन बीत चुका था । घोह ! . . इसका ज्ञान फिराना भयानक था . ... क्तिना भया ! तुम जानों, मैं