i दसवाँ अध्याय १२५ शंकर पट्टमी, ७२–सर मनू भाई मेहता, ७३-कर्नल के० झन्० हकसर। ब्रिटिश-प्रतिनिधि ७४-श्रीयुत रेमजे मेकडॉनेल्ड (लेबर ), ७५-लार्ड शेनकी (लेबर ), ७६-श्रीयुत वेजवुद्ध बेन (लेबर), ७७–श्रीयुत आर्थर हेंडरसन (लेबर),७८-श्रीयुत जे० ए० टॉमस (लेबर), -लॉडे पील ( कंजरवेटिव), ८०-सर सेमुअल होर (कंजरवेटिव),८१-लॉर्ड रीडिंग (लिबरल), ८२ -श्रीयुत ऑलिवर स्टेनले (कंजरवेटिव), ८३-मारकिस ऑफ लोथि- यन (लिबरल ), ८४-सर रॉबर्ट हैमिल्टन (लिबरल), -श्रीयुत आइजक फेट (लिबरल ), ८६-मारकिस ऑफ जेटलैंड ( कंजरवेटिव)। सलाहकारों की हैसियत से ८७-सर चार्ल्स इंस, - -मिस्टर एच्. जी० हेग, ८-सर ए० मेक वाटर्स,६०-मिस्टर एल० डब्ल्यू. रेनॉल्ड्ज़, ११-सर मालकम हेली, ६२-मिस्टर आर० ए० एच० कार्टर ( सेक्रेटरी जनरल)। (क) राव बहादुर आर० श्रीनिवास, (ख) डा० शफात अहमदखों, (ग) सर इब्राहीम रहमतुल्ला । इन प्रतिनिधियों के चुनने पर, लॉर्ड इरविन ने, पंजाब-सर- कार की ओर से दिए गए २६ सितंबर के भोज में, जो शिमले में दिया गया था, अपने भाषण में कहा था।
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