सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१८४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गोल-सभा आशा-भरे भाषण सुन चुके हैं, और भी प्रतिनिधियों के भाषण हुए हैं। मेरे भारतीय मित्रो, आपको यह न समझना चाहिए कि आपके भाषण केवल इतनी थोड़ी उपस्थिति में सुने गए हैं। नहीं, आपके भाषण सारी ब्रिटिश-जनता द्वारा सुने गए हैं, और जितनी ही बार आपने कहा है, उतनी ही बार आपके भाषण ने एक नया प्रभाव उन पर डाला है। आपकी समस्याएँ केवल वाद- विवाद ही करने के लिये नहीं हैं ! वाद-विवाद का समय अब गुजर चुका है। हम लोग इसे छोड़ चुके हैं । अब हमें कुछ काम करके दिखलाना होगा। अल्प-संख्यक वर्ग को मैं आनंद और संतोष का वचन देता हूँ कि उनकी बातें अनसुनी नहीं गई हैं। आपके शासन-विधान के संबंध में मैं जो योग देना चाहता हूँ, वह इस प्रकार है। हमारी आर्यन सभ्यता का आधार तो परिवार है। परिवार मिलकर एक ग्राम और कई ग्राम मिल- कर एक जिला और अंत में एक फेडरेशन बनता है। इस शासन में कार्य-रूप धारण करनेवाली बातें जो मैंने नोट कर ली हैं, वे क्रमानुसार नहीं हैं । मैंने इनको आप लोगों के भाषणों से नोट किया है । वे बातें ये हैं- १-फेडरेशन की योजना को पूरा करनेवाले अंश किस-किस प्रकार के होंगे? २-केंद्रीय सरकार को बनानेवाले अंश किस प्रकार के होंगे? ३-इसकी बनावट का प्रांतों के शासन के साथ क्या संबंध रहेगा।