पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/२३८

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सोलहवाँ अध्याय अंतिम निर्णय और उस पर लोक-मत १६ जनवरी को सभा की अंतिम बैठक हुई। शान का क्या कहना था। इसी दिन प्रथम बार पत्र-प्रतिनिधियों को अंदर श्राने की अनुमति दी गई थी । लगभग २०० पत्र-प्रतिनिधि कीन एनी ड्राइंग रूम में बैठे थे। कमरे में माइक्रो-कोन लगे हुए थे। टाइप की हुई कापियाँ साथ-ही-साथ अखबारों को भेजी जा रही थीं। प्रतिनिधियों ने जब प्रवेश किया, तब वे सिगरेट पी रहे थे। पीछे उन्हें सिगरेट पीने से मना कर दिया गया। क्योंकि बोलने बाली फिल्म तैयार थी। मि० मैकूडानल्ड के बाईं ओर लॉर्ड चांसलर बैठे थे। सारी कान्फ्रेंस में कुछ पगड़ियाँ ही भारतीय दृश्य को उपस्थित कर रही थीं। भारतीय महिलाओं की पीली और लाल साड़ियाँ विशेष शोभा दे रही थीं। प्रधान मंत्री मि मैक्डानल्ड ठीक एक घंटे तक बोले। उनकी घोषणा के पूर्व महाराज पंटियाला ने कहा- हम निस्संकोच होकर इस मांग में योग देते हैं कि हमारे देश की साम्राज्य में वही उच्च स्थिति मानी जानी चाहिए, जिसके विनों हमारे देश- वासियों की इच्छाएँ पूरी नहीं हो सकतीं । देश में हमारा