२४२ गोल-सभा सभा द्वारा निर्धारित भारतीय शासन-विधान पर आगे विचार करने के लिये, सम्राट् की सरकार से मंजूरी प्राप्त कर, अव- सर दिया जाय। (३) गत १६ जनवरी, सन् १९३१ की प्रधान मंत्री की घोषणा के अनुसार विधान-संबंधी वाद-विवाद में कांग्रेस को सम्मिलित करने का उद्योग किया जाय । (४) यह समझौता सविनय भंग-आंदोलन से संबद्ध कार्यों के संबंध में है। (५) सविनय कानून-भंग का आंदोलन बंद कर दिया जायगा, और सरकार भी तज्जन्य कार्य रोक देगी। जैसे कि- (क) कानून की धाराओं को खुले-श्राम तोड़ना। (ख) जमीन-लगान तथा अन्य प्रकार के टैक्स न देना। (ग) सत्याग्रह-श्रांदोलन के प्रचार के लिये न्यूजशीट का प्रकाशन करना। (घ) सिविल तथा मिलीटरी अफसरों को बहकाना तथा गाँवों के अधिकारियों को पद छोड़ने को बाधित करना। १(६) विदेशी माल के बायकाट के संबंध में दो परिणाम निकलते हैं-पहला बायकाट का रूप, दूसरा उसे क्रियात्मक रूप देने का तरीका। (७) विदेशी वस्तुओं की जगह स्वदेशी वस्तुओं को स्थान देने के लिये अथवा मादक द्रव्य-निषध के लिये जो तरीके
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