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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/२६३

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सत्रहवां अध्याय २४५ तो उसके लिये हरजाना न दिया जायगा, और न वे चीजें वापस की जायेगी। (ङ) यह हरएक व्यक्ति को अधिकार होगा कि वह यह प्रमाणित करने की कानूनी कार्यवाही करे कि उसकी संपत्ति की जब्ती कानूनी न थी। (१७) (क) गैर-मनकूला जायदाद, जो आर्डिनेंस नं०६, सन् १९३० के अनुसार गवर्नमेंट के कब्जे में आ गई हो, लौटा दी जायगी। (ख) जमीन और दीगर गैर-मनकूला जायदाद, जो सरकार ने मालगुजारी या अन्य टैक्स वसूली के लिये कुर्क या जब्त कर ली हो, लौटा दी जायगी । यदि कलेक्टर को यह विश्वास हो कि वह एक निर्धारित समय में बकाया अदा न करेगा, तो उपर्युक्त शर्त लागू न होगी । समय को निर्धारित करते समय उसकी स्थिति पर विचार किया जायगा, और आव. "श्यकतानुसार मालगुजारी-ऐक्ट के अनुसार वसूली मुल्तवी को जा सकेगी। (ग) यदि गैर-मनकूला जायदाद किसी तीसरे को बेच दी गई है, तो वह सरकार की ओर से अंतिम निर्णय समझा जायगा। (घ) हरएक व्यक्ति को कुर्की या जब्ती को गैर-कानूनी साबित करने के लिये क़ानूनी कार्यवाही करने की पूरी आजादी होगी।