पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/५९

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चौथा अध्याय जब डॉ० अंसारी ने उक्त दोनो महापुरुषों का नाम लिया, तो समस्त पंडाल देर तक तालियों की आवाज से गूंजता रहा। कांग्रेस के निर्णय के स्पष्ट होने पर इंगलैंड के कुछ पत्रों ने इस प्रकार सम्मतियाँ दी- 'मैंचेस्टर गार्जियन'-"हम उन चेष्टाओं पर खेद प्रकट करते हैं, जो भारतीय शासन को असंभव बनाने के लिये की गई हैं। इसलिये यह निश्चित है कि ऐसी चेष्टाओं के सफल होने के पहले दबाव की आवश्यकता पड़े।" 'डेली एक्सप्रेस' ने भारतीय अधिकारियों को कड़ाई की नीति अख्तियार करने की राय दी क्योंकि कड़ाई ही भारत को उस नाजुक मौके से बचा सकती है, जो संभव है, भारत को उन्नति के पथ पर बोस वर्ष पीछे हटा दे। 'डेली न्यूज' ने लिखा था-"हम भारत के लिये क्रमशः औपनिवेशिक स्वराज्य की कल्पना कर सकते हैं ; परंतु पूर्ण स्वतंत्रता का लक्ष्य तो गैरअमलो ही नहीं, कल्पनातीत है।" 'मॉर्निंग-पोस्ट ने कहा था कि जिस शक्ति ने पिछली २३ दिसंबर को वायसराय की स्पेशल के नीचे बम फेका है, वही कांग्रेस के इस प्रस्ताव की पीठ पर थी। सरकार ने कांग्रेस का यह विद्रोहो अधिवेशन होने की आज्ञा कैसे दी ? पंजाब-सरकार ने कांग्रेस के लिये जमीन दी, और उसकी रक्षा के लिये एक लाख रुपया खर्च किया ।......पंजाब सरकार ने यहाँ तक ही कांग्रेस को आत्म-समर्पण नहीं किया, बरन् सच पूछो, तो