पृष्ठ:चंदायन.djvu/३७८

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३७० कास कटवापर मंगाओ। कानको स्टकर धूपमें साओ कि उसकी रत्तो बनाओ और उसको गलकार लपेट दो और रि नौद भगाकर उसे वंरते तब दो सदमें उसमे आग लगा दो। रत्तो पत्थर कोपला हो जपेगी रिमीकहानी दों पनी रहेगी। सीओ उस पार भेज दो। संक्रू ने पैच हो किया और नहर की इच्छा पूरी पर दी। यह देखरर महरा मूस्ति हो गया और कहने लगा-शिवचद, नुम कहते हो कि महराकी पारातमें एक भी बुद्दा नहीं है। बिना किसी बुट्टेके मेरी पर माग से पूरी हुई। शिवदने उसे समझाकर कहा-षेका दटा लरका स्वर सा चटर है। वहीं स्पो पूरा कर देता है। तब उन्होंने रिर दूसरी माग भेडो कि हमने मंडा पार कर लिया है। ३६० पोरदी लाटी भेजो, जिससे हम उसको उठाकर आँगनमे लगवा दें। इस दातको भी सैक्रू में पाकाते कहा और वासने रताया-सोनपारे किनारे वाले पुराने दह होंगे। उन्हें जड सहित उराडवर ले जाओ। प्रत्येकी जड में यनगिन्त पोर होंगे। उसीरो गिनकर नुम उमरे पास भेज दो। इस तरह वस्ने उनको उस माँगको पूरी करने भेज दिया और यह भी लिख भेजा कि आची हुई रसद समात हो गयी है । रसदका प्रबंध करके जल्दी मेजिये। यह पत्र पार महरा पारा उठा और तत्काल कहल भेडा लगनकी परी समाप्त हो रही है जल्दीसे दायत लेकर आइने । यह बात जय संवरने काकासे कहा तो वे सोले- महराने में इतना परेशान किया । अब जब तक ये हमारी बात पूरी नहीं करेंगे, तब तक हम दायत देकर न जायेंगे। तदनुसार वस्ने लिख भेज हमारे दुल्दी रीति है कि देवता पारात पाँव पसारनेके लिए एक जोडी दुआ भेता है। जब तक वह नहीं आटा तब तक बारात आपने दरवाजे नहीं जा सकती। ____ यह पढपर दो महरा होस गुम हो गये। अडोस-पडोससे पृच्ने लगा-वा कुओका लोहा माँगता है, हम कैसे भेजें। वो मुन्टा वही थाधर्यचस्ति रह जटा। उप महरा मल्यगितरे दरबार गया। यहाँ मी कुओक मांगो बात कही। सब दर सारी नुनकर दंग रह गये। महराने पटापा जब तक रातिमानी यह माँग पूरी न होगी दे मेरे दरवाजे नहीं आएँगे। परतु कोई भी इसका निराकरण न कर सका। हारकर महरा पर लेट आपा और सार पर पड रहा। मरीने स्वमुना टोयोली-चौदह पदमे आप उनो परेशान कर रहे थे। अर २ उन्होंने एक साधारण-सी मांग को ठी आप परेशान हो गये। आर मेर रवी पर्यापे पास डाले। उसने करियेगा यह मारा प्रबन्ध कर देती। माय दो नुखार पास पहुंचा और उसने सारी बात कही । मुनपर वह बोली-पार पौनी पटी पात है।