पृष्ठ:चंदायन.djvu/३९७

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३८९ रात बीती और लोरिकन आवा दियाई पडा तो उसने रोकर शारदा का स्मरण किया और कहा कि यदि हम सानन्द हरदी पहुँच जायगे तो मैं तुम्हारी पूजा काँगी और जो पहला बालक होगा, उसको बलि मैं तुम्हें दूँगी। __इतना सुनते ही देवी चन्दाकी सहायता लिए आ गया और बोली-- तुम चुपचाप यहीं बैठो मैं लोरिकको लाने जाती हूँ। वेलोरिकके मकान पहुँची। वहाँ उन्होंने मजरोकी करामात देखी । देखकर सोचने लगी कि उसने तो बड़ा प्रपच रच रखा है। यदि मैं उसके सामने पड़ी तो वह मुझे दशप दे देगी। फ्ल्तः वे निद्रा देवीको बुलाकर ले आयीं। निद्रा देवी मजरी के सिरपर सवार हो गयीं। तब मजरीने लोरिकको शपथ देकर कहा कि जानेसे पहले मुझे जगा देना, मैं भी तुम्हारे साथ हरदी चलूंगी। यह कहकर वह सो गयी। तर देवीने लोरिकको जगाया और कहा कि चन्दा पेडके नीचे बैठकर रो रही है। इतना सुनते ही लोरिक उठकर तैयार हो गया और कपड़े पहनकर धीरेसे पीछेका दरवाजा खोलकर बाहर निकला। वही से अपनी पत्नीकी पुकार कर उसने कहा-तुमने जो शपथ दिया था, उसकी मैं याद दिला रहा हूँ। मैं हरदी जा रहा हूँ, चलना हो तो चलगे। पीछे दोष मत देना। इतना कहकर वह चल पडा और वहाँ पहुँचा जहाँ चन्दा बैठी थी। नगरिक को देखकर चन्दा उलाहना देने लगी-यदि तुमको अपनी ब्याही पत्नी ही प्यारी थी वो मुझे घरसे बाहर क्यों निकाला ! रात बीतनेवाली है। गौरामें की गयी चोरी गौरामें ही पकडी जायगी। लोरिकने बात अनसुनी कर कहा--तुम अभी चुपचाप बैटो ! में अपने गुरूसे भेंट करके आता हूँ। चन्दाने कहा-तुम तो गुरूसे भेंट करने जा रहे हो। पर यह तो बताओ सुबह मैं अपना मुँह कैसे दिखाऊँगी ? सब लोग यहाँ मेरा उपहास करेंगे। चाहे जो हो, जब तक मैं गुरुसे भेंट नहीं कर रेता नहीं जाता ! यह कहकर लोरिफ चल पडा। मिताके घर पहुँचकर दरवाजा सटसटाया। मिताने दरवाजा खोल। लोरिक्ने तब मिताको चाँहमें समेटते हुए कहा-मैंने एक बहुत बडा अनुचित कार्य किया है। चन्दाको भगाकर हरदीबाजार से जा रहा हूँ। आपसे भेंट करने के लिए ही आया हूँ। मिताने कहा-इसमें कोई बुराई नहीं हुई है। तुम चन्दाको लेकर गौरामें हो रहो । जैसे भी होगा, वैसे मैं सहदेवको मना लेंगा । नहीं मानेगा तो मैं उससे ल. कार कर युद्ध करूँगा और हम दोनों मिलकर उसे मार डालेंगे। लोरिकने उत्तर दिया-जिसके घरसे मैंने बेटी निकाली है, उनसे मैं प्रत्यक्ष वैसे युद्ध करूँगा । दस-पाँच दिनमें सहदेवका गुस्सा अपने आप शान्त हो जायेगा। तर मैं वापस आ जाऊँगा। यह सुनार मिताने आशीर्वाद दिया । लेरिक औटकर चन्दाके पास आया