पृष्ठ:चंदायन.djvu/८७

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८७ चाँद भोर मैनाका मन्दिर गमन- २५०-पण्डितका चाँदसे देव पूजा करनेको कहना, २५१-देव पृजाय लिये नाना जातिकी स्त्रियों का जाना, २५२-सहेलियोंक साथ चॉदया मन्दिर जाना, २.३- चाँददा मदिर प्रवेश, १५४-चॉदका पूजा करना और मनौती मानना, २५- मैनाका सहेलियोये साथ मन्दिरमे आना और पूजा करना । चॉद-मैना सग्राम- २५६-चाँदका मैनासे उदासीका कारण पूछना, २५८-मनाया क्षोम मरा उत्तर देना, २५८-चाँदका प्रत्युत्तर, २५९-मैनाका चाँदको उत्तर २६०-चोंदया मैनाको गाली, २६१-मैनाका चाँदवे अभिसारकी यात प्रवर करना, २६२- चॉदका उनर, २६३-मैनाका प्रत्युत्तर, २६४-चॉदका उत्तर, २६५-मैना मा प्रत्युत्तर, २६६-चाँद मैनामे हाथापायी, २६७-चॉद मैनाम गुत्थमगुत्थी, २६८-दोनोंका रतरजित होना २६९-युद्धसे मन्दिरके देवताकी परेशानी, २७०-लोरक्का आना और स्थितिसे परिचित होना, २७१-लोरकका मैना चाँदाको अलग करना। महरिसे चाँदकी शिकायत- २७२-चाँदका मन्दिरसे घर गैटना, २७३-मैनाका मन्दिरसे घर आना, २७४- खोलिनया मैनासे मन्दिरवी घटना यूछना, २७५-मैनाका मालिनको बुन्ग कर महरिके पास शिकायत भेजना, २७६-मालिनका महरिने पास जाना, २७७- मालिनका महरिसे चाँदी शिकायत करना, २७८-चाँदकी नादानी पर महरिया लज्जित होना। लोरफ चॉदफा गोबर छोड़ने की तेयारी- २७९-चाँदका रिस्पतको गेरकरे पास भेजना, २८०-शिरस्पतका लोरमसे चादरा स देश कहना, २८१-रिरस्पतका लोरक्को समझाना, २८७-बिरस्पतका 'चॉदके पास चापस आना, २८८-होरक चाँदवा भाग चल्ने निश्चय करना, २८९-लोरक का यानाका मुहूर्त पृटना, २९०-ग्राह्मणका मुहूर्त रताना, २९१- चाँदका महल्से निकलना, २९२-चाँद लोरकका गोवरसे प्रस्थान, २९३-उनमा वाले वस्त्र पहन आगे बढना, २९४-मैनास दुखी होना । कुँघरूसे भेंट- २९५-कुँवरूका मागम लेरकको पहचानना, २९६-बॉदका कुंवरसे अपने प्रेम की बात कहना, २९७-चरूका चोदयी मत्सना करना, २९८-लेरकमा (वस्से मिल्यर आगे बडना । लोरफ-चाँदका गगा पार करना- २९९-सायकाल लोरक चॉदका वृक्षवे नीचे सोना, ३०४-दोनोंका गगा तर