पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 2.djvu/१११

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मुझे रोहतासगढ़ जाना जरूरी हुआ। रात-भर में वे सब इन्तजाम करके सवेरे या कुछ दिन चढ़े रवाना हो जाऊँगी।"

कमलिनी––अच्छा, तो मेरे जिम्मे जो कुछ काम था उसे मैं कर चुकी। अब तुम जो मुनासिब समझो करो और मुझे आज्ञा दो कि जाऊँ और अपना काम देखूँ।

नागर––इसमें कोई सन्देह नहीं कि तुमने मुझ पर और मनोरमा पर भारी अहसान किया। अब मैं चाहती हैं कि आज की रात यहाँ रह जाओ क्योंकि मनोरमा को छुड़ाने के लिए रात भर में मैं जो कुछ इन्तजाम करूँगी उसका हाल सवेरे तुमसे कहूँगी और उसके बाद तुमसे कुछ सलाह करके तब रोहतासगढ़ जाऊँगी।

कमलिनी––मैं इस योग्य नहीं हूँ कि तुम्हें राय दूँ परन्तु रात भर के लिए अटक जाने में मेरा कोई हर्ज नहीं है, यदि इससे आप लोगों की कुछ भी भलाई हो।

नागर ने कमलिनी के लिए एक कमरा खोल दिया और उसके खाने-पीने के लिए बखूबी इन्तजाम कर दिया।


7

आधी रात जा चुकी है। कमलिनी उस कमरे में, जो उसके सोने के लिए मुकर्रर किया गया था, चारपाई पर लेटी हुई करवटें बदल रही है क्योंकि उसकी आँखों में नींद का नामो-निशान नहीं है। उसके दिल में तरह-तरह की बातें पैदा होती और मिटती हैं। उसे इस कोठरी की बनावट ने और भी तरदुद में डाल रखा है। यद्यपि इस कोठरी में विशेष सामान नहीं और न किसी तरह की सजावट ही है, केवल एक चारपाई जिस पर कमलिनी सोई है और एक चौकी पड़ी है तथा कोने में एक शमादान जल रहा है परन्त तीन तरफ की दीवारों पर वह ताज्जुब और तरदुद की निगाह डाल रही है। इस कमरे की एक तरफ की दीवार, जिधर से इसमें आने के लिए दरवाजा था, ईंट और चने से बनी हुई थी, परन्तु बाकी तीन तरफ की दीवारें तख्तेबन्दी की थीं, अर्थात लकडी से बनी हई थीं। कमलिनी के दिल में शक पैदा हआ और उसने सोचा कि इन तख्तेबन्दी की दीवारों में कोई भेद जरूर है। इस मकान का कछ-कछ भेद कमलिनी को मालम था, पर यहाँ का पूरा-पूरा हाल वह नहीं जानती थी और जानने की इच्छा रखती थी। आखिर कमलिनी से न रहा न गया, और वह चारपाई से उठी। पहले उसने उस दरवाजे को भीतर की तरफ से बन्द किया जो इस कमरे में आने-जाने के लिए था। इसके बाद कमर से खंजर निकाल लिया और उसके कब्जे से तख्तेबन्दी की दीवारों को जगह-जगह से ठोंककर देखने लगी। एक जगह से उसे दीवार पोली मालूम पड़ी और उस पर वह बखूबी गौर करने लगी। जब कुछ मालूम न हआ तो उसने शमादान उठा लिया और फिर उस जगह को गौर से देखा। थोड़ी ही देर में उसे विश्वास हो गया कि यहाँ पर एक छोटा-सा दरवाजा है, क्योंकि दरवाजे के चारों तरफ