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पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 2.djvu/२३२

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कमलिनी गिरफ्तार हो गई तो ठीक है नहीं तो मैं समझूँगी कि तुम लोग भी इस मालिन की तरह नमकहराम होकर दुश्मनों से मिली हुई हो!"

पहरा देने वाली लौंडियों ने मायारानी को दण्डवत् किया और एक ने कुछ आगे बढ़कर और हाथ जोड़कर कहा, "बेशक आप हम लोगों को नेक और ईमानदार पावेंगी! (धनपत की तरफ इशारा करके) आपकी बात से निश्चय होता है कि आज रात को कमलिनीजी इस बाग में जरूर आवेंगी। अगर ऐसा हुआ तो हम लोग उन्हें गिरफ्तार किए बिना कदापि न रहेंगे!"

मायारानी ने कहा, "हाँ ऐसा ही होना चाहिए! मैं खुद भी इस काम में तुम लोगों का साथ दूँगी और आधी रात के समय अपने हाथ से चोर दरवाजा खोलकर उसे बाग के अन्दर आने का मौका दूंगी। देखो होशियार और खबरदार रहना, यह बात किसी के कान में न पड़ने पावे!"

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