भूतनाथ--बहुत अच्छा! थोड़ी दूर और चलिये। इसी जंगल में किसी अच्छे ठिकाने, जहाँ पानी भी मिल सकता हो, ठहर कर आराम कर लेंगे।
बलभद्रसिंह--अच्छा तो अब घोड़े को तेज मत चलाओ।
भूतनाथ--(घोड़े की तेजी कम करके) बहुत खूब।
बलभद्रसिंह--क्यों भूतनाथ, क्या वास्तव में आज तुमने मुझे कैद से छुड़ाया है या मुझे धोखा हो रहा है ?
भूतनाथ--(मुस्करा कर) क्या आपको इस मैदान की हवा मालूम नहीं होती ? या आप अपने को घोड़े पर सवार स्वतन्त्र नहीं देखते ? फिर ऐसा सवाल क्यों करते हैं?
बलभद्रसिंह--यह सब कुछ ठीक है। मगर अभी तक मुझे विश्वास नहीं होता कि भूतनाथ के हाथों से मुझे मदद पहुँचेगी, यदि तुम मेरी मदद करना ही चाहते तो क्या आज तक मैं कैदखाने में ही पड़ा सड़ा करता ! क्या तुम नहीं जानते थे कि मैं कहाँ और किस अवस्था में हूँ?
भूतनाथ--बेशक, मैं नहीं जानता था कि आप कहाँ और कैसी अवस्था में हैं। अब उन पुरानी बातों को जाने दीजिए। मगर इधर जब से मैंने आपकी लड़की श्यामा (कमलिनी) की ताबेदारी की है, तब से बल्कि इससे भी बरस डेढ़ बरस पहले ही से मुझे आपकी खबर न थी। मुझे खूब अच्छी तरह विश्वास दिलाया गया था कि अब आप इस दुनिया में नहीं रहे। यदि आज के दो महीने पहले भी मुझे मालूम हो गया होता कि आप जीते हैं और कहीं कैद हैं तो मैं आपको कैद से छुड़ाकर कृतार्थ हो गया होता।
बलभद्रसिंह--(आश्चर्य से) क्या श्यामा जीती है?
भूतनाथ--हाँ, जीती है।
बलभद्रसिंह--तो लाड़िली भी जीती होगी?
भूतनाथ--हाँ, वह भी जीती है।
बलभद्रसिंह--ठीक है, क्योंकि वे दोनों मेरे साथ उस समय जमानिया में न आई थीं जब लक्ष्मीदेवी की शादी होने वाली थी। पहले मुझे लक्ष्मीदेवी के भी जीते रहने की आशा न थीं, मगर कैद होने के थोड़े ही दिन बाद मैंने सुना कि लक्ष्मीदेवी जीती है और जमानिया की रानी तथा मायारानी कहलाती है।
भूतनाथ--लक्ष्मीदेवी के बारे में जो कुछ आपने सुना हैसब झूठ है। जमाने में बहुत बड़ा उलट-फेर हो गया जिसकी आपको कुछ भी खबर नहीं। वास्तव में मायारानी कोई दूसरी ही औरत थी और लक्ष्मीदेवी ने भी बड़े-बड़े दुःख भोगे। परन्तु ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए जिसने दु:ख के अथाह समुद्र में डूबते हुए लक्ष्मीदेवी के बेड़े को पार कर दिया। अब आप अपनी तीनों लड़कियों को अच्छी अवस्था में पावेंगे। मुझे यह बात पहले मालूम न थी कि मायारानी वास्तव में लक्ष्मीदेवी नहीं है।
बलभद्रसिंह--क्या वास्तव में ऐसी ही बात है? क्या सचमुच मैं अपनी तीनों बेटियों को देखूगा? क्या तुम मुझ पर किसी तरह का जुल्म न करोगे और मुझे छोड़ दोगे?
भूतनाथ--अब मैं किस तरह अपनी बातों पर आपको विश्वास दिलाऊँ। क्या आपके पास कोई ऐसा सबूत है जिससे मालूम हो कि मैंने आपके साथ बुराई की?