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पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 4.djvu/२४६

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और लाड़िली कृष्ण जिन्न का मुँह देखने लगीं। कृष्ण जिन्न इस समय भी ठीक उसी सूरत में था जिस सूरत में अब से पहले कई दफ़े हमारे पाठक उसे देख चुके हैं।

कृष्ण जिन्न ने अपने चेहरे पर से एक झिल्ली-सी उतारकर अलग रख दी और उसी समय कमलिनी ने चिल्लाकर कहा, “अहा, ये तो स्वयं राजा गोपालसिंह हैं!” और तब यह कहकर उनके पैरों पर गिर पड़ी, “आपने तो हम लोगों को अच्छा धोखा दिया!”