पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 5.djvu/६७

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वह अकेला था और अकेले ही इस मकान में तारासिंह का मुकाबला करना अपनी ताकत से बाहर समझता था जिसके दो चेले भी यहाँ मौजूद थे, अस्तु, समय पर ध्यान देकर वह चुप हो गया मगर दिल में वह तारासिंह का जानी दुश्मन हो गया। उसने मन में निश्चय कर लिया कि तारासिंह को किसी-न-किसी ढंग से अवश्य नीचा दिखाना बल्कि मार डालना चाहिए।

नानक ने और भी न मालूम क्या सोचकर अपनी जुबान को रोका और सिर नीचा करके चुपचाप खड़ा रह गया। तारासिंह ने कहा, "बस, अब तू जा और अपनी सती-साध्वी स्त्री तथा नौकर को भी अपने साथ लेता जा!"

नानक ने इस आज्ञा को गनीमत समझा और चुपचाप वहाँ से रवाना हो गया। उसकी स्त्री और नौकर भी उसके पीछे चल पड़े।

उसी समय तारासिंह ने भी अपना डेरा कूच कर दिया और शहर के बाहर हो चुनार का रास्ता लिया, मगर दिल में सोच लिया कि कम्बख्त नानक अवश्य मेरा पीछा करेगा, बल्कि ताज्जुब नहीं कि धोखा देकर जान लेने की फिक्र भी करे।


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संध्या होना ही चाहती है। पटने की बहुत बड़ी सराय के दरवाजे पर मुसाफिरों की भीड़ हो रही है। कई भटियारे भी मौजूद हैं जो तरह-तरह के आराम की लालच दे अपनी-अपनी तरफ मुसाफिरों को ले जाने का उद्योग कर रहे हैं, और मुसाफिर लोग भी अपनी-अपनी इच्छानुसार उनके साथ जाकर डेरा डाल रहे हैं। मुसाफिरों को भटियारी के सुपुर्द करके भटियारे पुनः सराय के फाटक पर लौट आते और नये मुसाफिरों को अपनी तरफ ले जाने का उद्योग करते हैं।

यह सराय बहुत बड़ी और इसका फाटक मजबूत तथा बड़ा था। फाटक के दोनों तरफ (मगर दरवाजे के अन्दर) बारह सिपाही और एक जमादार का डेरा था जो इस सराय में रहने वाले मुसाफिरों की हिफाजत के लिए राजा की तरफ से मुकर्रर थे, उनकी तनखाह सराय के भटियारों से वसूल की जाती थी। ये ही सिपाही बारी-बारी से घूमकर सराय के अन्दर पहरा दिया करते थे और जब मुसाफिरों को किसी तरह की तकलीफ होती तो सीधे राजदीवान के पास जाकर रपट किया करते थे।

थोड़ी देर बाद जब सब मुसाफिरों के टिकने का बन्दोबस्त हो गया और सराय के फाटक पर कुछ सन्नाटा हुआ तो उन सिपाहियों का जमादार अपनी जगह से उठकर सराय के अन्दर इसलिए घूमने लगा कि देखें सब मुसाफिरों का ठीक-ठीक बन्दोबस्त हो गया या नहीं। वह जमादार केवल घूमता ही न था, बल्कि भटियारों से भी तरह-तरह के सवाल करके मुसाफिरों का हाल दरियाफ्त करता जाता था।

जमादार घूमता हुआ जब उत्तर की तरफ वाले उस कमरे के पास पहुँचा जो