पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 6.djvu/१३८

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डालने की नीयत से मायारानी और माधवी की लाश के पास दिखाई दिया था। वे दोनों पहले ही मारी जा चुकी थीं, मगर आपको भुलावा देने की नीयत से उनकी लाश इन्द्रानी और आनन्दी बना कर दिखाई गई थीं । इसके अतिरिक्त और जो कुछ हाल है, वह आपको राजा गोपालसिंहजी की जुबानी मालूम होगा।

कुमार-ठीक है, मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ कि मायारानी और माधवी की लाश को इन्द्रानी और आनन्दी की सुरत में देखकर जो कुछ रंज मुझे हुआ था और आज तक इस घटना का जो कुछ असर मेरे दिल पर था वह जाता रहा अब मैं अपने को खुश- नसीब समझने लगा । (कमलिनी से) अच्छा यह बताओ कि रात की दिल्लगी तुमने किस तौर पर की ? मेरी समझ में कुछ नहीं आया और न इसी बात का पता लगा कि मेरी सूरत क्योंकर बदल गई?

कमलिनी--इस बात का जवाब आपको कमला से मिलेगा।

कमला--यह तो एक मामूली बात है। समझ लीजिये कि जब आप सो गए तो इन्हीं (कमलिनी) ने आपको बेहोश करके आपकी सूरत बदल दी।

कुमार--ठीक है मगर ऐसा क्यों किया?

कमला--एक तो दिल्लगी के लिए और दूसरे किशोरी के इस खयाल से कि जिसकी शादी पहले हुई है, उसी की सुहागरात भी पहले होनी चाहिए।

कुमार--(हँस कर और किशोरी की तरफ देखकर) अच्छा, तो यह सब आपकी बहादुरी है । खैर, आज आपकी पारी होगी ही, समझ लूंगा!

किशोरी ने शरमाकर सिर नीचा कर लिया और कुमार की बात का कुछ भी जवाब न दिया।

इसके बाद वे लोग कुछ देर तक हंसी-खुशी की बातें करते रहे और तब अपने- अपने ठिकाने चले गये।

कुंअर इन्द्रजीतसिंह और आनन्दसिंह की शादी के बाद कई दिनों तक हँसी-खुशी का जलसा बराबर बना रहा क्योंकि इस शादी के आठवें ही दिन कमला की शादी भैरों- सिंह के साथ और तारासिंह की शादी इन्दिरा के साथ हो गई और इस नाते को भूतनाथ तथा इन्द्रदेव ने बड़ी खुशी के साथ मंजूर कर लिया।

इन सब कामों से छुट्टी पाकर महाराज ने निश्चय किया कि अब पुनः उसी बगुले वाले तिलिस्मी मकान में चल कर कैदियों का मुकदमा सुना जाय, अतः आज्ञानुसार बाहर के आये हुए मेहमान लोग हँसी-खुशी के साथ बिदा किए गये और फिर कई दिनों तक तैयारी करने के बाद सभी का डेरा कूच हुआ और पहले की तरह पुनः वह तिलिस्मी मकान हरा-भरा दिखाई देने लगा। कैदी भी उसी मकान के तहखानों में पहुँचाये गये और सब का मुकदमा सुनने की तैयारी होने लगी।


1.यही काम उघर लाडिली ने किया 'था। खुद तो पहले ही से कामिनी बनी हुई थी मगर जब कुमार सो गये तब उन्हें बेहोश करके उनकी सूरत बदल दी और सुबह को उनके जागने के पहले ही अपना चेहरा साफ कर लिया।