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पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/१०६

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चाँदी की डिबिया
[अंक २
 

  करना चाहिये था। लेकिन रुपए तुम्हारे न थे। तुमने किसी दूसरे के रुपए ले लिए।

जोन्स

जिसने पाया उसका हो गया। मैं इसे उन दिनों की मजूरी समझूंगा जब मैं गलियों में उस चीज के लिये ठोकर खाता फिरा जो मेरा हक़ है। मैं इसे पिछली मजूरी समझ कर ले रहा हूँ।

[विचित्र गर्व से]

रुपए मेरी जेब में हैं, जानी।

[मिसेज जोन्स फिर भोजन बनाने की तैयारी करने लगती है। जोन्स उसकी ओर कनखियों से देख रहा हैं]

हाँ, मेरी जेब में रुपए हैं। और अबकी मैं इसे उड़ाऊँगा नहीं, इसीसे कैनाडा चला जाऊँगा। तुम्हें भी एक पौंड दे दूँगा।

[चुप]

तुम मुझे छोड़ने की कई बार धमकी दे चुकी हो,

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