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पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/११

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दृश्य १]
चाँदी की डिबिया
 


[अपनी जेब टटोलता है और एक शिलिङ्ग बाहर निकालता है। वह उसके हाथ से छूटकर गिर पड़ती है, और लुढ़क जाती है। वह उसे खोजता है।]

इस शिलिंग का बुरा हो!

[फिर खोजता है।]

एहसान को भूलना नीचता है ! मगर कुछ भी नहीं,

[वह हँसता है।]

मैं उससे कह दूँगा कि मेरे पास कुछ भी नहीं है।

[वह दरवाज़े से रगड़ता हुआ निकलता है, और दालान से होता दुआ , ज़रा देर लौट आता है। उसके पीछे-पीछे जोन्स आता है, जो नशे में चूर है। जोन्स की उम्र लगभग तीस साल है। गाल पिचके हुए, आँखों के गिर्द गड्ढे पड़े हुए, कपड़े फटे हुए हैं, वह इस तरह ताकता है जैसे बेकार हो और पिछलगुए की भाँति कमरे में आता है।]

जैक


शिः और चाहे जो कुछ करो मगर शोर मत करना। दरवाज़ा बन्द कर दो और थोड़ी-सी पियो।