यह पृष्ठ प्रमाणित है।
चाँदी की डिबिया
[अङ्क १
जैक
अहा! मैं मज़े से घर पहुँच गया--
[विवाद के भाव से]
कौन कहता है, कि मैं बिना मदद के दरवाजा नहीं खोल सकता था?
[वह लड़खड़ाता है, बटुए को झुलाता हुआ अन्दर आता है। एक ज़नाना रूमाल और लाल रेशम की थैली गिर पड़ती है।]
खूब झाँसा दिया--सभी चीज़ गिरी पड़ती हैं। कैसा चकमा दिया है चुड़ैल को, उसका बेग साफ़ उड़ा लाया,
[बटुए को झुलाता है।]
खूब झाँसा दिया,
[चाँदी की डिबिया से एक सिगरेट निकाल कर मुँह में रख लेता है।]
उस गधे को कभी कुछ नहीं दिया!
२