पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/१२७

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दृश्य २ ]
चांदी की डिबिया
 

कभी मैं छः पैंस दे देता है। यह मेरे नियम के विरुद्ध है, लेकिन इनकार करते तो नहीं बनता। अगर तुम्हें यह दिखाई दे कि वे सुस्त, काहिल, और कामचोर हैं; तो समझ लो कि शराबी या कुछ ऐसे ही हैं।

मिसेज़ बार्थिविक

इस आदमी की आंखें बड़ी डरावनी थीं वह ऐसे ताकता था, मानो किसी की ख़ून कर डालेगा। उसने कहा---मेरे पास आज खाने को कुछ नहीं है। ठीक इसी तरह।

बार्थिविक

विलियम क्या कर रहा था? उसे वहां खड़ा रहना चाहिए था।

जेक

[ अपनी गिलास नाक के पास लेजाकर ]

क्यों दादा! क्या यही सन् ६३ की है?

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