पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/१३६

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चाँदी की डिबिया
[ अड़्क २
 

[ मुसकिराता है ]

इसमें उसने क्या फ़ायदा सोचा है?

स्नो

वह कहता है कि छोटे साहब पिछली रात को नशे में थे।

[ जैक अखरोट तोड़ना बन्द करदेता है और स्नो की ओर ताकने लगता है। बार्थिविक की मुसकिराहट ग़ायब हो जाती है, गिलास रख देता है। सन्नाटा छा जाता है---स्नो बारी बारी से हरेक का चेहरा देखता है, और कहता है ]

वह मुझे अपने घर लाए और ख़ूब ह्विस्की पिलाई, मैंने कुछ खाया न था, नशा ज़ोर कर गया और उसी नशे में मैंने डिबिया उठा ली।

मिसेज़ बार्थिविक

गुस्ताख़, पाजी कहीं का!

बार्थिविक

आप का ख़्याल है कि वह कल अपने बयान में भी यही कहेगा।

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