पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/२०३

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दृश्य १ ]
चांदी की डिबिया
 

मैजिस्ट्रेट

अच्छी बात है। हम पहले मुजरिम औरत का बयान लेंगे।

मिसेज़ जोन्स

हज़ूर, मैं तो अब भी वही कहती हूं जो अब तक बराबर कहती आ रही हूँ कि मैंने डिबिया नहीं चुराई।

मैजिस्ट्रेट

ठीक है, लेकिन क्या तुमको मालूम था कि किसी ने उसे चुराया?

मिसेज़ जोन्स

नहीं हज़ूर, और मेरे शौहर ने जो कुछ कहा है उसके बारे में मैं कुछ नहीं जानती। हाँ इतना ज़रूर जानती हूँ कि वह सोमवार को बहुत रात गए घर आये। उस वक्त एक बज चुका था। और वह

अपने आपे में न थे।

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