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पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/२२३

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दृश्य १ ]
चाँदी की डिबिया
 

जोन्स

[ बिगड़ कर ]

मैंने इनसे ज़्यादा ख़राब काम नहीं किया है। मैं ग़रीब आदमी हूँ, मेरे पास न रुपए हैं न दोस्त हैं। वह धनी है, वह जो कुछ चाहे कर सकता है।

मैजिस्ट्रेट

बस बस, इन बातों से कोई फ़ायदा नहीं। तुम्हें शान्त रहना चाहिए। तुम कहते हो, यह डिबिया मैंने लेली। तुमने क्यों उसे ले लिया? क्या तुम्हें रुपए की बहुत ज़रूरत थी?

जोन्स

रुपए की तो मुझे हमेशा ज़रूरत रहती है।

मैजिस्ट्रेट

क्या इसी लिए तुमने उसे ले लिया?

जोन्स

नहीं।

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