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पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/५०

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चाँदी की डिबिया
अङ्क१
 

बार्थिविक

पूछ सकता हूँ कि मुझे किससे बातें करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है?

अपरिचित

[ उसके मुख पर विनय और आग्रह का भाव दिखाई देता है ]

मेरा नाम है---मगर ज़रूरत ही क्या है। मैं झमेला नहीं करना चाहती। मैं ज़रा एक मिनट के लिये आपके बेटे से मिलना चाहती हूँ।

[ साहस से ]

सच तो यह है कि मेरा उनसे मिलना बहुत ज़रूरी है।

बार्थिविक

[ अपनी बेचैनी को दबाकर ]

मेरे बेटे की तो आज तबीयत कुछ ख़राब है। अगर ज़रूरत हो तो मैं आपका काम कर सकता हूँ। आप अपनी ज़रूरत बयान करें।

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