पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/७७

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दृश्य ३ ]
चांदी की डिबिया
 

बार्थिविक

[ न्याय के भाव से ]

मैंने मिसेज़ जोन्स को बुलाया है। यह मुझ पर छोड़ दो, और याद रक्खो जब तक अपराध साबित न हो जाय कोई अपराधी नहीं है। मैं इसका ख़याल रक्खूँगा। मैं उसे डराना नहीं चाहता, मैं उसके साथ हर तरह की रिआयत करूँगा। मैंने सुना है बहुत बहुत फ़टेहालों रहती हैं। अगर हम गरीबों के साथ और कुछ न कर सकें तो उनके साथ जहाँ तक हो सके हमदर्दी तो करनी ही चाहिए।

[ मिसेज़ जोन्स आती है प्रसन्न मुख होकर ]

ओ, गुडमार्निग मिसेज़ जोन्स।

मिसेज़ जोन्स

[ धीमी और रूखी आवाज में ]

गुडमार्निंग सर, गुडमार्निङ्ग मैडेम।

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