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पृष्ठ:चित्रशाला भाग 2.djvu/१३०

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पथ-निर्देश दोपहर का समय है 1 कॉलेज में इंटरवल हुआ है । वहीं कंप उंट में, एक वृक्ष की छाया में, दो लड़के घास पर बैठे हैं। दोनो सा वयस्क है; दोनों की उमर करीब २०.२० वर्ष की होगी। दोनों परस्प बातें कर रहे हैं । एक कर रहा था-मई, मेरा तो यह अंतिम वर्ष है यदि इस वर्ष पास हो गया, तो पढ़ना छोड़ दूंगा, और चार पैसे फमाने का उद्योग करूँगा। दूसरा बोला-बस केवल बी. ए. ही पास करकं छोड़ दोगे, एम० ए० न करोगे? पहले ने उत्तर दिया- बस इतना ही काफी है। पहला-कम-से-कम एम० ए० तो पास कर लो। दुसरा--एम० ए० की गुंजाइश नहीं । वृद्ध माता-पिता यह पाशा लगाए बैठे हैं कि लड़का पढ़-लिख ले, तो कुछ कमाई करे, घर की दरिद्रावस्या दूर हो । और तुम सोचते हो कि पढ़ते-पढ़ते बुढं हो जाय। दूसरा-प्राधा वनश्याम, एक बात पूछता हूँ, ठीक-ठीक उत्तर देना। धन-पूछो, अथाशक्ति और यथावुद्धि ठीक ही उत्तर दूंगा। दूसरा तुम्हारे जीवन का लक्ष्य क्या है ? -प्रश्न तो बड़ा वेदर है। दूसरा--कोई साधारण प्रश्न नहीं है धनश्याम । खूब कर उत्तर देना। घन० सोच-समम-