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चोखे चौपदे
जो सके बोल बोलियाँ प्यारी ।
तो उसे बोल डालना अच्छा ॥
कान में तेल डाल लेने से ।
कान का खाल ‘डालना अच्छा ॥
छोड़ दो छेड़ छाड़ की आदत ।
मत जगा दो अदावते सोई ॥
है बहुत खोदना बुरा होता ।
देख ले कान खोद कर कोई ॥
तब तमाचा न किस तरह लगता ।
आग जब बेलगामपन बोता ॥
हो रहे जब कि लाल पीले थे ।
तब भला क्यों न लाल मुँह होता ॥
है अगर चाहते कुफल चखना ।
तो बुरी चाहते जगा देखे ॥
मुंह लगाना अगर भला है तो ।
क्यों लहू को न मुँह लगा देखें ॥