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केसर की क्यारी

वह सताने मे सहमता ही नही।
सब सुखों के हैं हमें लाले पड़े॥
सुन गँसोली अत हाथों के मले।
छिल गया दिल, हाथ में छाले पड़े॥

मत बचन-बान मार बीर बने।
क्या नही प्यार प्यार-थाती मे॥
छेदलें छेदने चले हैं तो।
देखिये हो न छेद छाती में॥

आप के जैसा जिसे हीरा मिले।
क्यों मरे वह चाट हीरे की कनी॥
आप तन करके हमें तन बिन न दें।
जो तनी है तो रहे छाती तनी॥

जब कभी बात तर कही न गई!
हो सके किस तरह कलेजा तर॥
देखना हो अगर दहल दिल की।
देखिये हाथ रख कलेजे पर॥