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पृष्ठ:चोखे चौपदे.djvu/७५

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केसर की क्यारी

प्यार ही से भरा हुआ वह है।
देख लें देख वे सकें जैसे॥
जब निकलती नही कसर जी की।
हम कलेजा निकाल दें कैसे॥

ताड़ने वाले नहीं कब ताड़ते।
तोड़ना है दिल अगर तो तोड़ लो॥
मुँह चिढ़ा लो मोड़ लो मुँह बक बहॅक।
फोड़ लो दिल के फफोले फोड़ लो॥

वे चुहल के चाव के पुतले बने।
चोचलों का रग हैं पहचानते॥
चाल चलना, चौंकना, जाना मचल।
दिल चलाना दिलचले हैं जानते॥

वह भला है, है भलाई से भरा।
या घिनोने भाव है उस में घुसे॥
खोल कर हम दिल दिखायें किस तरह।
देख लें दिल देखने वाले उसे॥