पृष्ठ:जनमेजय का नागयज्ञ.djvu/९०

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तीसरा अङ्क―पहला दृश्य

ही नही; किन्तु समस्त मानव जाति के इतिहास में एक नया युग उत्पन्न करेगा। विश्वात्मा तुम्हें उसमे सफलता दे।

मणिमाला―भगवन्, आशीर्वाद दीजिए कि ऐसा ही हो।

व्यास―प्रिय वत्सगण, शुद्ध बुद्धि की शरण मे जाने पर वह तुम्हें आदेश करेगी, और सीधा पथ दिखलावेगी। जाओ, तुम सब का कल्याण हो, और सब का तुम लोगो के द्वारा कल्याण हो।

सब―जो आज्ञा!

[ सब प्रणाम करके जाते हैं।[