पृष्ठ:जमसेदजी नसरवानजी ताता का जीवन चरित्र.djvu/६८

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ज्योतिष शास्त्र।

लेखक श्रीयुक्त दुर्गाप्रसाद खेतान एम॰, ए॰, बी॰, एल॰, एटर्नी कलकत्ता हाईकोर्ट।

कौन नहीं जानना चाहता कि रात दिन क्यों होते हैं? ऋतुयें क्यों होती हैं? सूर्य क्या है? चन्द्रमा क्या है? ये तारे और ग्रह क्या हैं? यह पृथिवी कितनी बड़ी है? ग्रहण क्यों और कैसे लगता है? पर इन सब बातोंके बतलाने वाले बहुत थोड़े हैं। लोगों में इस विषय में बड़ा अन्धकार और भ्रम फैला हुआ है। अब तक हिन्दी में इस विषयकी कोई पुस्तक नहीं थी। अब यह अभाव दूर हो गया। इस पुस्तकमें सूर्य, चन्द्रमा, तारे और पृथिवी आदिके विषय में सभी आवश्यक बातें बतलाई गई हैं। भाषा ऐसी सरल और लिखनेका ढङ्ग ऐसा अच्छा है कि छोटे बड़े सभी समझ सकते हैं। ३६ परिच्छेदो में ४९ तस्वीरें देकर सब बातें समझाई गई है। सरस्वतीने दो बार इस पुस्तककी खूब प्रशंसा की है। हर घरमें इसकी एक एक प्रति होनी चाहिये। मूल्य केवल ।।) इतनी सस्ती दूसरी पुस्तक नहीं होगी।

नेत्रोन्मीलन नाटक।

हिन्दी संसारके प्रसिद्ध लेखक मिश्र बन्धुओ की अनूठीरचना।

इस नाटक में पुलिसके हथकंड़ो और अत्याचारोंका सच्चा वर्णन है। और यह दिखाया गया है कि वकील मुकद्दमे कैसे चलाते, झूठे गवाह कैसे गढ़ते और दिन दहाड़े न्यायकी आंखोमें कैसे धूल झोंकते हैं और किस प्रकार एक झूठा मुकदमा बड़ेसे बड़े न्यायालयको भी धोखा दे सकता है। इसमें उर्दू, गंवारी, तथा अन्य कितनी ही भाषाओंके नमूने मिलेंगे। मूल्य केवल ।///)

सब तरहकी हिन्दी पुस्तकें मिलनेका पता—

हिन्दी पुस्तक एजेन्सी,

१२६ हरीसन रोड, कलकत्ता।