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पृष्ठ:जहाँगीरनामा.djvu/११०

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जहांगीरनामा।

शैख अबुलफजलके बेटे अबदुर्रहमानका मनसब बढ़कर दो हजारी जात और दो हजार सवारका होगया।

बाबर बादशाहका सिंहासन।

६ (भादों सुदी ८) गुरुवारको जिसके तड़केही काबुलसे कूच होनेवाला था बादशाह ईदको चान्दरातके समान पुनीत समझकर बाबर बादशाहके सिंहासनके निकट गया और वहां जो पत्थरमें कुण्ड खोदा गया था उसको मदिरासे भरकर सभासदोंको प्याले दिये। वह दिन बहुत आनन्द और हर्ष में बीता।

काबुलसे कूच।

७ (भादों सुदी ९) शुक्रवारको एक पहर दिन चढ़े बादशाह बाग शहरआरासे "जलगाह संगसफेद" तक दोनों हाथोंसे द्रव्य और चरन लुटाता गया।

११ (भादों सुदी १३) मंगलवारको एक कोस पर गिरामीमें और १८ मंगलवार (आश्विन वदी ६) को २॥ कोस पर नचाकमें डेरे हुए। यहां फिर हाकेका शिकार हुआ ११२ पशु मारे गये। जिनमें जङ्ग जातिके २४ हरन थे जो अबतक बादशाहने नहीं देखे थे। एक जङ्ग तोलमें २ मन १० सेरका हुआ और इतना भारी होकर भी ऐसा दौड़ता था कि १०|१२ कुत्ते, दौड़ते दौड़ते थक गये थे तब कहीं बड़ी मुशकिलोसे उसे पकड़ सके थे।

खुसरोका फिर कैद होना।

बादशाहने खुर्रमसे यह सुनकर कि खुसरो उसके प्राण लेनेके विचारमें है उसको हकीम अबुलफतहके बेटे फतहुल्लह सहित कैद कर दिया। गयासुद्दीनअली, आसिफखांके बेटे नूरुद्दीन और एतमादुद्दौलाके बेटे शरीफखांको जो उससे मिले हुऐ थे मरवा डाला।

हकीम मुजफ्फर।

२२ जमादिउलअव्वल (आश्विन बदी १०) शनिवारको हकीम मुजफफर अरन्दस्तानीके मरनेकी खबर पहुंची। यह अपनेको