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जहांगीरनामा।
मीरजाई।
तीसरी बधाई मीरजाईकी हार थी यह सूरत बन्दर लेने को बड़े ठस्मेसे आया था। उससे और अंगरेजोंसे जो इस बन्दरके शरणागत आये थे लड़ाई हुई। उसके बहुतसे जहाज अंगरेजों के गोलोंसे जल गये। तब वह भाग गया और बन्दरोंके हाकिम मुकर्रबखांके पास आदमी भेजकर सन्धि करली। .कहलाया कि मैं लड़नेके विचारसे नहीं आया था मिलाप करनेको आया था अङ्ग्रेजोंने यह लड़ाई खड़ी करदी।
अंबर चम्पू।
कई राजपूतोंने अंबरके मारनेका बोड़ा उठाया था वह अवसर पाकर उसके ऊपर गये और एक राजपूतने उसके एक चोट भी दी परन्तु जो मनुष्य अंबरके साथ थे वह उन राजपूतोंको मारकर अंबरको बचा लेगये नहीं तो उसके मारेजानेमे कुछ कसरं न थी।
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यह कोई फरंगी मालूम होता है।