पृष्ठ:जहाँगीरनामा.djvu/२७९

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संवत् १६७२। पहले शाहने एक बिल्लोरी ज्याला इस अभिप्रा दिल मेरै आई इसमें शराब पीकर उत्ते लौटादें तो बड़ा . बादशाहने दूतो मामने कई बार उसमें शराब पीकर उसको मा एकावी और ढकने सहित सौगातमें रख दिया था। यह दोनों चीजें नई बनी थीं। ढकनेके जपर मौनाका काम हुअा था। २१ (चैत्र सुदी ६) को बादशाहने एक सिंह बन्दूकसे मारा। २५ (चैत्र सुदी ) को एतमादुद्दौलाको फौजको हाजिरी दर्शन के झरोलेके मैदानमें हुई। दो हजार अच्छे घुड़सवार जिनमें बहुधा मुगल थे पांच सौ तौरन्दाज तोपची और चौदह हाथी थे। बखशियोने गिनती करदी बादशाहसे कहा कि सब सेना ठीक सजी हुई है। ___ चैत्र सुदौ १५ गुरुवारको मुकर्रबखांका भेजा हुआ एक हीरा जो २३ रत्तो था जौहरियोंने तीस हजार रुपयेका कूता। बादशाह ने पसन्द करके अंगूठीमें जड़वाया। नूरजहांका चार शेर मारना। २ उर्दीबहिश्त (बैशाख बदौ ६) को किरावलीने अर्ज कराई कि हमने चार शेर घेर रखे हैं। बादशाह दो पहर तीन बड़ी दिन चढ़े राजमहिषियों सहित शिकार खेलने गया। जब शेर दिखाई दिये तो नूरजहां बेगमने बादशाहसे अर्ज की कि आज्ञा हो तो मैं इन शेरोंको बन्दूकसे मारू। बादशाहने कह दिया कि मारो। बेगम ने दोको बन्दूकसे और दोको दो दो तौरोंसे मारकर गिरा दिया। बादशाह लिखता है-"अबतक ऐसौ निशानेबाजी नहीं देखी गई थी कि हाथोके ऊपर अम्मारी से छः तीर मारे जावें जिनमेंसे एक भी खाली न जावे और ४ सिंह हिलने चलने और उछलनेका अव- काश भी न पावें। मैंने इससे प्रसन्न होकर एक हजार मोहरें नूरजहांके ऊपरसे न्यौछावर की और एक लाख रुपयके .होरीको पहुंचियां उसे दीं।