जहांगीर बादशाहके वजीर आदि। थी और जो कोई उसकी दरगाहको पनाहमें आजाता था फिर उस पर कोई जुल्म नहीं कर सकता था। उसने अपनी साहबौमें कोई ५०० अनाथ लड़कियोंका ब्याह कराया और उनको यथायोग्य दहेज भी दियो। नूरजहांके घरानेसे लोगोंको बहुत कुछ लाभ पहुंचा। जहांगीर बादशाहके वजौर। १ राय घनसूर-(बादशाह होनेसे पहिले) २ बायजीदबेग काबुली (तथा ) ३ खाजा मुहम्मददोस्त काबुली (बादशाह होनेके पीछे वजीर हुत्रा ' और खाजाजहांका खिताब पाया।) ४ जानबेग (बजीरुल भुमालिक) ५ शरीफखां (बादशाह होनेके पीछे अमीरुलउमराका खिलाब पाया) ६ वजीरखां मुहम्मद सुकोम।। ७ मिरजा गयास तेहरानी खिताब एतमातुद्दौला। ८ जाफरबेग कजवीनी (आसिफखां) ८ खाजा अबुलंहसन। १० आसिफखां यमीनुद्दौला नं० ७ का बेटा। बड़े बड़े मौलवी। १ मुल्लारोज बहाय तबरेजी। .२ मुन्ना शुक्रउल्लाह शोराजी। ३ मौर अबुलक सिम गोलानी।। ४ मुल्लाबाकर शमौरी। लामाकाशमारा। . ५ मुलामुह सीसतानी। ६ मुल्ला अली। ७ काजो हाह। । ८ मुल्ला काबुली। 2 मुख हकीम स्यालकोटी।
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