पृष्ठ:जातिवाद का उच्छेद - भीम राव अंबेडकर.pdf/१६७

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साथ विवाह न करूंगा। कमला--कमका को अपने देवता पर पूरा भरोसा, परन्तु डरती हैं कि यह प्रेम-जील? कोई नया रंग न लाये । भला यदि मुझे गर्भ रह गया तो समाज क्या कहेगा ?

किशोर--समाज कुछ भी कर करे, किशोर आज भी तुम्हार है, और कल भी तुम्हारा ही रहेगा; छ। यदि तुम्हें यह स्वीकार नहीं, तो हो, मैं अलग हो जाता हैं।

कमला किशोर की अप्रसन्नता सहन न कर सकी और यह पद गुनगुनाते हुए उसने अपने आपको किशोर के चरणों में अर्पित कर दिया :- ‌
हानि काभ का ज्ञान नहीं है, फिर भी करना यह व्यापार । ‌
पार लगाना या कि डुबाना, तुझे समर्पित हैं करप्तार ।

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बी. ए. की परीक्षा का परिणाम निकला। किशोर और कमला दोनों पास हैं । उस रात को आज दो महीने हो चुके हैं । कमला को मालूम हो चुका है कि उसे गर्भ है। वह किशोर के घर गयी और उसे एकान्त में बताया कि देखलो अपने उस रोज़ के हठ का परिणाम | जो न होना चाहिये था, वही हुआ। अब मेरा जीवन-मरण तुम्हारे हाथ में है। देखना कहीं मुझे धोखा न देना। यह कहते हुए वह किशोर के पैरों पर गिर गयी। किशोर ने उसे उठा कर छाती से लगा लिया और धीरज देते हुए कहा--मेरे हृदय की रानी ! तुम घब- राओ मत। मैं तुमको वचन दे चुकी हैं। विश्वास रक्खो कि सज्जन अपने का वचन का पालन करने से कभी पीछे नहीं रहते ।