पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/११३

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अगर किसी दूसरी औरत के यहा हफ्ता पड़ा रहा तो इस गरीव ने अपना काई जेवर गिरवी रखकर गुजारा किया। मैं जैसाकि आपस एक बार कह चुका हू बहुत जल्द इस दुनिया स किनाराका होन वाला हू, मरी दौलत अब कुछ टिना को महमान है । मैं नहीं चाहता वि इसकी जिन्दगी सराव हो। मैंन लाहौर म इमको बहुत समझाया कि तुम दूसरी तवायफा की तरफ दग्यो । जा कुछ व करती है सीखा। मैं अाज दौलतमद हू क्ल मुझ भिवारी हाना है। तुम लागा की जिगी म सिफ एक दौतमद काफी नहा । मरे वाद तुम किसी और को नही फासोगी ता काम नहीं चनगा। लेकिन मण्टो साहब इसन मरी एक न सुनी । सारा दिन शरीफजादिया की तरह घर म बठी रहती। मैंन गरफार साइ से मशवरा किया। उमने कहा 'वम्बइ ले जाना। इसे मालूम था कि उसने ऐमा क्या कहा । बम्बई म उसकी दो जानन वाली तवायफे एक्ट्रमें बनी हुई हैं। मैंन भी सोचा वम्बई ठीक है। दो महीन हो गए है इसे यहा लाए हुए। सरदार को लाहौर से बुलाया है कि इसको सब गुर सिखाए । गपफर साइ स भी यह बहुत कुछ सीस सक्ती है । यहा मुझ कोई नहीं जानता। इस- को यह खयान था कि इसस मरी वइज्जती होगी। मैंन कहा तुम छोडो इसको । बम्बई बहुत बडा पाहर है । लासा रईस है । मैंने तुम्ह मोटर ले दी है काई अच्छा प्रादमी तलाश कर लो। मटा मार मैं खुदा की कमम खाकर कहता हू मरी यह दिली ग्वाहिश है रि यह अपने पैरो पर सदी ग। अच्छी तरह हाशियार हा जाए। मै इराय नाम अाज ही वय म दस हजार रुपया जमा करन को तयार हू मगर मुझ मालूम है दस दिन ये अटर अदर यह वाहर वटी हागी और सरदार एक एक पाई अपनी जव म डाल लगी। आप भी इस ममभाइए विचानार बनन की वागिता पर | जर म माटर सरीटी है मरदार इन हर राज गाम को अपाना बटर ल जाती है, किन अभी तर काम यानी नहीं हुई। सण्डा माज बडी मुशिता स मुहम्मत गर या यहा लाया। मापया क्या मयार है उसके बार म? मैन पाना सान जाहिर करना उचित न समभा पिन वायू गापीनाय न स्यय ही यहा अच्छा माता पीता माटमी मालूम हाता है। क्या जेना जानी पस है तुम्ह 114/ टोया टवसिंह 2