पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/१४४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

वनक्तरे ने जवाब में कुछ कहना चाहा, लेकिन चड्ढे न मेरी वाह पकडपर बना शुरू कर दिया, 'मण्टो-खुदा की पमम, क्या चीज है। सुना करते थे कि एक चीज प्लटीनम ब्लौण्ड भी होती है, मगर देसन का मौका का मिला-बाल है, जैस चादी के महीन-महीन तार ग्रेट खुदा की कमम मण्टो, वहुन ग्रेट मम्मी जिदाबाद ।' फिर उसने कोधित नजरा से वनक्तरे की ओर देखा और कडक्कर कहा, 'क्नकुतरे के बच्चे नारा क्या नहीं लगाता मम्मी जिदावाद' घडढे और बनकतर दोना ने मिलकर 'मम्मी जिदाबाद 1' के कई नारे लगाए। इसके बाद वनक्तरेन चडढे के सवाला का फिर जवाब देना चाहा, लेकिन उमन उस चुप करा दिया, 'छोडो यार मैं अज्दाती हो गया हू-इस वक्त यह सोच रहा है कि आम तौर पर माशूको के बाल काले होत हैं, जिन्हें काली घटा कहा जाता रहा है मगर यहा कुछ और ही मामला हो गया है। फिर वह मुझसे मम्बाधित हुया, मण्टो, वडी गडबड हो गई है, उसके बाल चादी के तारो जैस है-चादी का रंग भी नही कहा जा सकता-~मालूम नही, प्लेटोनम मा ग सा होता है, क्या कि मैंन अभी तक यह धातु देखी नहीं कुछ अजीव-मा ही रग है-फौलाद और चादी दोनो मिला दिए जाए वनक्तर ने दूसरा पेग खत्म करते हुए कहा, 'और उसम थोडी-सी धी एक्म रम मिक्स पर दी जाए।' चड्ढे न मिनाकर उस एक बहुत ही मोटी गाली दी।' चकवास नवर।" फिर उमन वही दयनीय नजरो म मेरी मोर दसा। 'यार मैं मचमुच जज्बानी हो गया हू हा वह रग युदा की कसम, लाजवान रंग है यह तुमन दसा है वह, जो मतिया नै पट पर होता है नही. नहीं, हर जगह होता है-पोमट मछली उसक वे क्या होते हैं ? नहीं नहीं, मापा के वन नह सपरे हा,सपरे वस, उनका रंग रापरे यह शब्द मुझे एक हि दुम्तोर्ड न बताया था इतनी पूबसूरत चीज और एमा भाडा नाम पजाबी मे हम इह चाने रहते हैं। इस - म चिनचिनाहट है वही, बिलकुल वही, जो उसके बालो मे है । लटें महान हा सोलिया मालूम होती हैं, जो लोट लगा रही हो ।' वह . मम्मी | 143