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पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/१५४

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फिर वह सिलसिलापरहमने लगा और मेरे गिलाम म रम डालकर बोला , उस जाट ये लिए वह उडल की उम वा कोहयाफ वी परी थी और उसके गाव की सुदर और स्वस्थ मुटियार वेडौल भसें हम सब चगद हैं मियाने दर्जे थे इसलिए पि इस दुनिया मे काई चीज अव्वल दर्जे की नही तीमर दर्जे की है या नमियान दर्जे को लेगिन लेकिन फिलिस सासुलखास दर्जे की चीज है वह माप ये पपरो ।

बनकतर ने अपना गिलास उठाकर चडढे के सिर पर उडेल दिया । सपर सपरे तुम्हारा भेजा फिर गया है ।

चडढे न माथे पर म रम की टपक्ती बदें चाटनी शुरू कर दी और वनक्तरे से कहा, ले अव सुना तरा बाप साला तुमस क्तिनी मोहबत परता था मेरा दिमाग अब काफी ठण्डा हो गया है ।

वनक्तरे बहुन गम्भीर होकर मुझम बोला , बाई गाड वह मुझसे बहुत मोहब्बत करता था मैं फिफ्टीन ईअर का था कि उमन भरी शादी बना दी ।

चडढा जोर से हसा, तुम्ह काटून बना दिया उस साले ने भगवान उस म्वग में भी केसरियल की पटी द कि यहा भी उस बजा बजाकर वह तुम्हारी शादी के लिए कोई खूबसूरत हूर टूटता रह । और तुम्हारी खबसूरत बीवी की ऐसी तैसी इस वक्त फिलिस की बात करो उसस ज्यादा और कोई खूबसूरत नहीं हो सक्ता । चडढे न गरीवनवाज और रजीतवुमार की ओर देखा , जो कोने मे बैठे फिलिस के सौ दम पर अपनी राय एक दूसर पर प्रकट करन वाले थ । गन पाउडर प्लाट के बानियो सुन लो , तुम्हारी कोई साजिश कामयाब नही हो सकती मरान चडढे के हाथ मे रहेगा क्या वेल्ज के शहजाद ? "

चेल्ज का शहजादा रम की खाली होती हुई बोतल की तरफ हमरत "भरी नजरो से देख रहा था । चड्ढे ने क्यहा लगाया और उसको आधा गिलास भरकर दे दिया । गरीबावाज और रजीतकुमार एक दूसरे से फिलिस के बारे में घुल मिलकर बातें तो कर रहे थे, लेकिन अपन दिमाग मे उसको प्राप्त करने के लिए प्रोग्राम अलग अलग बना रहे थे । यह उनकी बातचीत के ढग में प्रकट होता था ।

मम्मी / 151