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पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/१५५

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जली के बल्ब जत रह थ, क्यापि शाम गहरी हो चली थी । चड्ढा मुझे व

म्बई को फिल्म इण्डस्ट्री के ताजे समाचार सुना रहा था किबाद म मम्मी की तेज आवाज सुनाई दी । चडढे ने नारा लगाया और बाहर चला गया । गरीवनवाज ने रजीतमार को पोर अथपूण नजरो से दखा ।फिर राना दरवाजे की ओर देखने लगे । ____ मम्मी चहकती हुई

दर दाखिल हुई । उसके साथ चार पाच ऐंग्ला इण्डियन लडकिया थी ।

भिन प्रकार के नख शिख और कद काठ की --- पोली, डोली, किटी एलिना

मा और थैलिमा और वह हिजडा सा लडका ___ उसे सिसीकहर पुर

रता था । फिलिम मबसे पीछे आई और वह भी चडढे के साथ । उस

की एक बाह प्लेटीनम ब्लौण्ड को पतली कमर के पीछे लगी थी । मैंने गर

करीबनवाज और रजीतकुमार की प्रतिक्रिया नोट की । उनको चडढे की यहदिखावटी विजयी हरक्त पसद नपाइ थी ।

लडकियो के भीतर आते ही शार मच गया । एक्दम इतनी अग्रेजी वरसी कि वाक्तरे मट्रीय

वयूलेशन परीक्षा मे कई बार फेल हुआ । लेकिन उसने कोई परवाहन को और बरावर बोलता रहा । जब क्सिीने उसका नोटिस न लिया तो वर एलिमा की बड़ी बहन थैनिमा के साथ एक साफे पर अलग बैठ गया और पूछने लगा कि उमने हि दुस्तानी डास के और कितने नये तोड सीखे है- - १९

- वह इधर धा नी ता कत ता थई थई की वन , टू, श्री वना वनावर उ

सको तोडे बना रहा था उधर चडढा वाकी लड क्यिा के झुरमुट म अग्र

जी के नगे नगे मजाक सुना रहा था , जो उस

मम्मी सोडे की बोतलें और खाने हजारा को मरया म जब

जरही थी । रजीत कुमार सिगरेट के कश लगाकर पीने का सामान मगवा

ओर दख रहा था और गरीबनवाज मम्मी से टक्टकी वाधे पिलिस के

" रुपये कम हा तो वह उमसे ले ले । बार-बार क्डता था कि

पहला दौर गुरु हुअा । फिलिस को जव गामिल स्वाच खुली और

तो उसने अपने प्लेटीनमी बाला का एक हल्का होने के लिए कहा गया

" र दिया कि वह ह्विस्की नहीं पिया करती । सा झटवा देकर मना व

मट की , लेपिन वह 7 मानी । चडढे न इसपर ____ सवन मिनत-खुशा

" मी ने एक हलका -सा पंग तैयार करके गिलास दुष्व प्रकट किया तो मर 152 / टोवा टक सिंह