पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/१५८

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उसने अपन चेहरे पर रग मल लिया है कि लोगो को उसकी वास्तविकता या ज्ञान न हो उसमे शायद इतनी शारीरिक शक्ति नही थी कि वह हर क्सिीकी मा बन सकती और इसीलिए उसने अपनी ममता और स्नेह के लिए कुछ व्यक्ति चुन लिए थे और शेप सारी दुनिया को छोड़ दिया था । ___ मम्मी को मालूम नही था कि चडढा एक तगडा पेग फिलिस को पिला चुका था । चोरी छिप नही, सबके सामने , मगर मम्मी उस समय बावर्चीखान में पोटैटो चिप्स तल रही थी अब फिलिस नशे में थी , और जिस तरह उसके पालिस किए हुए फौलाद के रग के बाल धीरे धीरे लह राते थे, उसी तरह वह स्वय भी लहरा रही थी । __ रात के बारह बज चुके थे । वनक्तर थलिमा को तोडे सिखा सिखा कर थक जान के बाद अब बता रहा था कि उसका बाप माला उससे बहुत मोहब्बत करता था । बचपन ही मे उसने उसकी शादी बना दी थी । उसकी वाइफ बहुत ब्यूटीफुल है और गरीबनवाज डोली को कज देकर भूल भी चुना था । रजीतकुमार पोली को अपने साथ ही बाहर ले गया था । एलिमा और किटी दोनो दुनिया भर की बातें करके अब थक गई थी और पाराम करना चाहती थी - तिपाई के इर्दगिद फिलिस , उसका हिजडा- सा दोस्त और मम्मी बैठे थे । चढढा अब जज्बाती नही था । फिलिस उसकी बगल में बैठी थी ,जिसने पहली बार शराब का सुरूर चखा था -- उसको प्राप्त करने का सकल्प उसकी प्राखा मे साफ मौजूद था । मम्मी इससे गाफिल नही थी । __ थोडी देर बाद फिलिस का हिजडा- सा दोस्त उठकर सोफे पर जा लेटा और अपने बाला मे घी करते-करते सो गया । गरीबनवाज और डोली उठकर वही चले गए । एलिमा और किटी ने आपस मे क्सिो मारग्रेट के बारे मे बातें करत हुए मम्मी से विदा ली और चली गई । बनकतरे ने आखिरी बार अपनी बीवी की खूबसूरती की प्रशसा की और फिलिस की मोर ललचाई नजरो से देखा, फिर थैलिमा की भोर जो उसके पास वठी थी, और फिर वह उसकी बाह पकडकर चाद दिखाने के लिए बाहर मैदान में ले गया ।

एकदम जाने क्या हुआ कि चड्ढे और मम्मी मे गरमागरम बातें शुरू

मम्मी / 155