पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/२०८

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ची वि तुझ मेरी जरूरत हुई और मुझे तेरी पहले तरे और मेर बीच म दस पय बजत थे, प्राज पचास बज रहे है । तू भी उनका वजना सुन रहा है और मैं भी उसका बजना सुन रही हू यह तून अपने वाला का क्या सत्यानाश कर रखा है ? यह पदर सुगधी ने माधो की टोपी उगली से एक तरफ उडा दी यह हरकत माधो को बहुत बुरी लगी। उसने वडे कडे स्वर में कहा, 1 'सुग धी।" , 7 7 मुग वी न माधो की जेब म रूमान निकालकर सूधा और जमीन पर ‘फेंक दिया, ये चिथडे, य चि िदया उफ । क्तिनी बुरी बास पाती है, उठाके बाहर फेंक डामो माधो चित्लाया, 'सुग पी।' मुगधी न तज तहजे में कहा, 'सुग धी के बच्चे, तू पाया किमलिए है यहा तरी मा रहती है इस जगह, जो तुझे पचास स्पय देगी? या तू काई एमा वा गबर जवान है जो में तुझपर आशिक हो गई है? कुत्ते, कमीन ' मुझपर रोव गाठता है ! मै तरी तबल हू क्या ? भिग्वमग, तू अपन अापको समझ क्या बठा है ? मै पृछगी ह तू है कौन ? चोर या गठरतरा इस समय तू मेर मकान म क्या करने आया है ? प्न म तुभपर कम हो या न हा यहा ता तुझ पर एक केस खडा कर दू माधा सहम गया । दव लहजे म मिफ इतना यह सका सुग धी, तुझे क्या हो गया है? तरी मा का सिर तू होता कौन है मुझमे एमे सवाल परने धाला? भाग यहा स, नहीं तो सुगधी की ऊचो आवाज सुनकर उसमा खाज- मारा कुत्ता, जो मूखी हुई चप्पला पर मुह रखे सो रहा था, हडबडा कर उठा और माधो की तरफ मुह उठाकर भूबने लगा। कुत्ते के भूक्न के साथ ही सुप ची जोर जोर से हसन तगी। माधो डर गया। गिरी हुई टोपी उठान के लिए वह झुका तो मुगधी की गरज सुनाई दी, 'खबरदार पडी रहन द वही तू जा, तेरे पूना पहुचते ही मैं इसा मनीग्राडर वर दूगी।' यह कहकर वह जोर से हमी और बुनाऊ पुलिस को? , हतक/ 205