वह अपना काम पर चुवा तो मैंन उमसे उसयो फीम पूछी। उसन पहा 'दस रुपये ।' में तरिए वे नीचे स अपना बटुग्रा निकाल रहा था कि ममद भाई भीतर आ गया। उस समय मैं दस रपये का नोट डाक्टर पिटो को द रहा था। ममद भाई न युद्ध नजग से मुझे और डाक्टर को दसा और गरज- वर बहा, 'यह क्या हो रहा है।" मैन पहा, 'फीम द रहा है।" ममद भाई पिटो स सम्बाधित हुमा, 'साले । यह फीम कैसी ल रह हो" डाक्टर पिंटो वौखला गया, 'मैं क्व ले रहा हू-ये दे रहे थे।' 'माला, हमसे फीस लेते हो-वापस परो यह नोट, ममद भाई में स्वर म उसके खजर जैसी तेजी थी। डाक्टर पिंटो ने मुझे नोट वापस कर दिया और बंग बद करके भमद भाई से क्षमा मागते हुए चला गया । भमद भाई ने एष उगली स अपनी माटा जैसी मूछा को तार दिया और मुस्वराया, विम्टो भाई, यह भी कोई बात है कि इस इलाके का डाक्टर तुमसे फीस ले तुम्हारी असम अपनी मूछे मुडवा देता, अगर इम साले नै फोस ली होती यहा सब तुम्हार गुलाम हैं ।" रिचित विलम्ब के बाद मैंने उससे पूछा, 'ममद भाई तुम मुझे में से जानते हो ?' ममद भाई की मूछे थरथराई, 'ममद भाई विसे नहीं जाता-हम यहा के बादशाह हैं प्यार-अपनी रियाया का सयाल रखत है। हमारी सी०आई०टी० है। वह हमे बताती रहती है, वोन पाया है, बौन गया है, कौन अच्छी हालत में है कौन बुरी हालत में है तुम्हारे बारे में हम सब कुछ जानते हैं।' मैंने मा ही मजाक के तौर पर कहा, 'क्या जानते हैं आप?' 'साला, हम क्या नहीं जानते-तुम अमृतसर का रहने वाला है-- काश्मीरी है, यहा असबारा में काम करता है। तुमो विस्मिल्ला होटस वे दस रुपय दने हैं, इसलिए तुम उघर से नही गुजरते । भिण्डी बाजार में ममद भाई 1215
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