पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/२२

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गोरे को उस्ताद मगू को पक्ड से छुडाया । उस्ताद मगू उन दो सिपाहिया के बीच खडा था। उसकी चौडी छाती फूली हुई सास की वजह में ऊपर- नीचे हो रही थी। मुह स झाग बह रहा था और अपनी मुस्कराती हुई प्राग्वा स हैरतजदा भीड की तरफ देखकर वह हाफती हुई आवाज मे वह रहा था 'वो पिन गुजर गए, जब खलील खा फारसा उडाया करते थे। अव नया कानन ह मिया, नया कानून 17 और वेचारा गोरा अपने विगडे हुए चेहरे के साथ, वेवकूफो की तरह, कभी उस्ताद मगू की तरफ देखता था और कभी भीड की तरफ। उस्तार मगू को पुलिस के सिपाही थाने मे ले गए । रास्ते मे और थाने के अदर कमरे में वह 'नया कानून, नया कानून चिल्लाता रहा, पर क्सिीने एक न सुनी। 'नया कानून, नया कानून क्या वक रहे हो। कानून वही है- पुराना 'और उसो हवालात में बद कर दिया गया । नसे नया कानून | 21