पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/८७

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वह चाहता था कि उस कहानी का शेप भाग उसके दिमाग में न आए, लेकिन वह आए विना न रहा। बाल कटवाकर वह पहले दिन घर से बाहर नहीं निकला। उसन अपने नौकर के हाथ दूसरे दिन एक चिट लिखकर मोजेल को भेजी कि उसकी तबीयत खराव है, थोटी दर के लिए आ पाए। मोजेल आई । त्रिलोचन को बाला के बगैर देखकर पहले वह क्षण भर ठिठकी, फिर 'माई डालिंग निलोचन ' कहकर उसके साथ लिपट गई और उसका सारा चेहरा उनाबी कर दिया । उमन त्रिलोचन के साफ और मुलायम गालो पर हाथ फेरा उसके छोटे अग्रेजी किस्म के कटे हुए बाला म अपनी उगलियो से कधी की और अरबी भाषा में नार लगाती रही। उसने इतना शोर मचाया कि उसकी नाक से पानी वहने लगा। मोजेल ने जब इसे महसूस किया तो उसने अपनी स्कद का घेरा उठाया और उस पाछना शुरू कर दिया । त्रिलोचन शरमा गया। उसने जब स्कट नीची की तो उसने डपटते हुए कहा, नीचे कुछ पहन तो लिया करो।' मोजेल पर इसका कुछ असर न हुआ । वासी और जगह जगह से उखडी हुई लिपस्टिक लगे होठो से मुस्कराकर उसन केवल इतना ही कहा, मुझे बडी घबराहट होती है-ऐम ही चलता है।' त्रिलोचन को वह पहला दिन याद आ गया, जब वह और मोजेल दोनो टकरा गए थे और आपस में कुछ अजीब तरह गडडमडड हो गए थे। मुस्कराकर उसने माजेल को अपने सीने से लगाया। 'शादी क्ल होगी जस्र । माजेल ने त्रिलोचन की मुलायम ठोटी पर अपने हाथ की 7 " पुश्त परी। तय यह हुआ कि शादी पून मे हो । क्योकि सिविल मैरिज थी, इस- लिए उनको दस-पद्रह दिन का नोटिस दना था । अदालती कारवाई थी, इसलिए उचित समझा गया कि पूना बेहतर है, पाम है और शिलोचन के वहा कई मित्र भी हैं । दूसरे दिन उह प्रोग्राम के अनुसार पूना रवाना हो जाना या ! माजल फोट के एक स्टोर में सेल्सगल थी, उससे कुछ पर टक्मी स्टैण्ड था 1 बस, वही उसको माजेल न इतजार करन के लिए 88/टोवा टवसिंह