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पृष्ठ:ठाकुर-ठसक.djvu/८०

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शब्दकोष । अईगई करना-दरगुज़र करना, अधर को बीचोंबीच का, उस ओर विशेष ध्यान न देना। ज़मीन का न आस्मान का। अँकावना जंचवाना। अनगढ़बे किते की। अंदाज-परिमिति, हद, मर्यादा । अनत पनत अन्यत्र कहीं, इधर श्रकह-अकथ्य। उधर। अगाह-अगाध। अनबालो मौन । अखती अक्षय तृतीया । अनी-नोका विशेष विवरण के लिये २५ | अनूतरी-( अन + उत्तरी) ऐसी पेज का नोट देखिये) बात जिसका जवाब न देते बने अगीत-आगे, घरके आहो। अनैसो (अनिष्ट) वुरा। अगवासो मकान का अगला भाग। अनौटा-पैर का एक जेवर जो अघाच-सन्तुष्ट होऊँ। अँगूठे में पहना जाता है। अचाहि अप्रेम। अन्यारो अनियारो, अनीदार, अजान-पागल,मूर्ख, (अज्ञान) नुकीला। अजार-रोग। अबूझ-निर्बुद्धि । अजूबा-विचित्र । अमानब्बेप्रमान,बहुत अधिक । अटक-रुकावट, वाधा। अमीर जादे अमीर, धनी, धनिक अट-पट कठिन जोसमझ में न.आवे।। अटके काम पड़ने पर। अरगाई अगल,चुप। अड़े है अढ़ गये हैं। भरझना उलझना। अथाई बैठक ! अरराना-अराररा शब्द करना । अंदाज भर-हद्द तक अरोपै-आरोपित करै। अदानियाँ नादेहन्दा, कंजूस । अरोरें-चुन चुन कर लेती हैं। अद्धर-निराधार, निराश्रय । बींछकर बड़ा बड़ा लेती हैं। पुत्र।