पृष्ठ:ठाकुर-ठसक.djvu/८८

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नौ-नया। निबेरना-निपटाना। परना-पन्ना (बुंदेलखंड) की 'निरंधार-निश्चय एक प्रसिद्ध राजधानी, जुगल निरधारना निश्चित करना। किशोर जी की झांकी बड़ी सुन्दर निरबैहै-निबहेगा। है। 'ठाकुर' वहां जाया करते थे। निरसई-रस हीनता। परपंच-बखेड़ा, षड़यंत्र । निवेरना-विचारना। परवान-प्रमाण । निसान पताका । परसंगी साथी। नेकी बदी-भलाई खुराई। परेखा-परीक्षा। नेजाभाला। दीन परैया दीन पड़नेवाला नै कै-नीच होकर । दीनता दिखानेवाला। परोजन-(प्रयोजन ) मतलब । पखारना-प्रक्षालन, धोना । पलका-खाट। पगे भीगा। पवार देना-फेंक देना। पछी पक्षी। पसार विस्तार। पछीत-पीछे, मकान का पिछवाड़ा। पहियाँ-पास । पछली-पीछे कर दी। पाइक-सेवक । पटवारेशम के डोरों से और पाँख-(पक्ष) पंख । गुहने वाली, पटहास । पाग-पगड़ी। पटा-पीढ़ा, पाटों। पातरी-पत्तल । पटैत-पढा (गदका) चलानेवाली। पानिप-पानी, प्रतिष्ठा । पठाई भेजी (प्रेषण से) पारम्पहर। पत्यानों-विश्वास किया । पारावार अंत । पथ-पंथ्य, जूसं। पारे डाले। पपीहा-चातकं । पारे हैं जीत लिया है। घर खाइबो परीक्षा कराना, जंचवॉना पाले पड़ना कबजे में हो जाना। परतीत ऋठिन प्रभाव। पिघलीन्द्रवीभूत हुई। .