पृष्ठ:तिलस्माती मुँदरी.djvu/७०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
६७
तिलिस्माती मुँदरी


बड़ा राजकुमार जो कभी २ कश्मीर आकर महाराज के यहां रहा करता था महाराज को बहुत पसन्द। आ गया था-वह हर बात में लायक था। महाराज ने उसको अपनी दोहती से शादी के काबिल हर सूरत से समझा। इस लिये उसी के साथ उस राजकुमारी को ब्याह दिया और दूसरा कोई वारिस न होने से उसी को अपना सारा राज दे दिया।

बाद इसके महाराज फिर योग-साधन करने के लिये गंगोत्री को चले गये।




इति