पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१०६

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बोश्नस्लडाई

प्कती है। बेचारे ढा, जेमीसन और उनके मित्र अवश्य सममते

प्रै किहमारा पढ़यन्त्र बहुत अच्छी तरह से रचा गया है। पर प्रे,क्र के लिए तो बह बच्चों का एक सखेत्न-मात्र था।इसलिए उन्दोंने चैम्बरलेन कीविनती को स्वीकार किया और किसी को फाँसी की सजा नहीं दी । यही नहीं बल्कि सबको क्षमा करके

छोड़ दिया। पर एक बार उल्नटा हुआ अन्न पेट में कब तक रह सकता

है स्वय प्रे. ऋगर भी तो जानते थे कि ढा. जेमीसन का घढ़यन्त्र एक भीषण रोग का तुच्छ चिन्दन्सात्र है। यह असंभव

हैकि जोहान्सवर्ग के करोड़पति अपनी बदलामी को किसी

तरह भी धो डालने का प्रयत्न भी न करेंगे। फिर लिन सुधारों के लिए डा. जेमीसन का पड़यन्त्र रवा गया था, उत्तमें से तो एक अंश भी उन्हें नहीं मिला था।इसलिए यह भी असम्भव

था कि करोड़पति चुपचाप बेंठे रहें। उनकी माँगों के साथ दक्षिणी अफ्रोका के दवाई कमिश्नए--ज्रिटिश सल्तनत के मुख्य

प्रतिनिधि ज्ञाडे मिल्नर की पूर्णसहानुभूति थी । ट्रान्सवात्न के

द्ोही-षद्यन्त्रियों के प्रति बतायी गयी भ्रे,करार की उदारता की

तारीफ करते हुए म्रि० चेम्बरत्ेन नेसुधारों की आवश्यकता की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया |सब कोई जानते थे कि सिया

लड़ाई के मगढ़ा मिदना असम्भ्व है। खानों के मालिकों की

माँगे भी ऐसी दी थीं कि ट्रान्सवाज् सेबोअर सत्ता का प्राधान्य

जाता रहे। दोवों पक्त जानते थे किलड़ाई अनिवाये है ।इसलिए

, दोनों पक्ष तैयारी कर रद्दे थे। तत्कालीन शब्द-पुद्ध देखते ही चनता था। ओ, ऋगर ने ज्यादा हथियार वरैरा मेंगाये कि फौरन तिटिश राजदूत अपनी सरकार को चेतावनी देता कि अंग्रेज सरकार को भी आत्मरक्षा केलिए दक्षिण अफ्रीका में हि