पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१०७

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दत्तिय श्रफ्ीफा फा सत्पाप्रह

श्र कुद्च फौज मेजनी चाहिए। और ब्रिटिश फौज दक्तिण अफ्रौका

|मेंआयी कि पे,ऋगर की ओर से उल्लाहना जावा और खुद और

मी युद्ध-सामम्री जुटाने मेंलग जाते |हस प्रकार एफ पद्च दूसरे पक्ष परआरोप करते हुए दोनों तेजी फे साथ युद्ध की करते जा रहे थे ।

जब प्रेसीढेन्ट ऋगर अपनी ओर से प्री तैयारी कर चुके,

तथ उत्दोंते देखा कि अत बैठे रहना अपने श्राप शत्र की शरण

जाने के वरावर है |ब्रिटिश सल्तनव के पास घन और पशुव्ञ

का अटूट भंढार है। बह ग्रे,क्रार को सममाते-चुमाते न्याय

फे लिए प्रार्थना करते हुए धीरे-धीरे तैयारी करती हुई यों ही बहुत समय निकाल सकतो है | फिर वह एक ओर संसार

को भुज्ञावे मेंडालने के लिए यद कहती रहेगी कि जब प्रे- कगर बिल्कुल माने ही नही तथ लाचार होकर हमें युद्ध करना पढ़

रहा है। और दूसरी ओर इस तैयारो के साथ युद्ध करेगी किग्रे, ऋगर उसके सामने खड़े ही न रह सकें; उन्हें दीव वनकर निटिश

'सल्तनत कीमोँगेंकबूलकरनीहीपढें| परजिस राष्ट्र में १८ वर्ष की उम्र से जगा कर ६० वर को उम्र तककेपुरुष युद्धकशल

'हों,जिस राष्ट्र कीस्त्रियाँभीअगर चाहें तो ज़्ड सकती हों, जो राष्ट्र सतन्त्रता को एक धार्मिक सिद्धान्त सममता हो, वह

एक चक्रवर्ती सम्राद्‌कीशक्ति के सामने कमी दोन होकर सिर

'न भुकावेगा |थोअर लोग ऐसे ही बहादुर हैं। आरेंज फ्रो-स्टेट से में,छूगर ने पहले ही से सलाह कर

रक्‍्खी थी। इन दोनों वौशर राज्यों की पद्धति एक ही थी। ग्रो,. / मगरयहजरा भीनहीं चाहते थे कि ब्रिटिश सरकार की माँग फो े

'वेपूरीतरदकबूतर करते याकमसे कमर यहाँतकभी सममौता "करलेंकि जिससे खानों के मालिक संतुष्ट हो जायें। इसलिए

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